सत्यनारायण आरती
श्री सत्यनारायण आरती (अंग्रेजी)
!! जय लक्ष्मीरमण, श्री जय लक्ष्मीरमण,
सत्यनारायण स्वामी, जनपताका हरण,
ओम जय लक्ष्मीरमण श्री जय लक्ष्मीरमण !!
!! रतन जदित सिंहासन, अदभुत छवि राजे,
नारद क्रत निरजन, घंटा ध्वनि बाजे,
ओम जय लक्ष्मीरमण श्री जय लक्ष्मीरमण !!
!! प्रगट भये काली कारण, द्विज को दर्शन दियो,
बुधो ब्रह्मन बनकर, कंचन महल कियो,
ओम जय लक्ष्मीरमण श्री जय लक्ष्मीरमण
!! दुर्बल भील कथारो, इन पर कृपा करी,
चंद्रचूड़ एक राजा, जिनकी विपरीत हारी,
ओम जय लक्ष्मीरमण श्री जय लक्ष्मीरमण !!
!! वैश्य मनोरथ पायो, श्रद्धा तज दीनी,
सो फल भोग्यो प्रभुजी, फिर स्तुति कीनी,
ओम जय लक्ष्मीरमण श्री जय लक्ष्मीरमण !!
!! भाव भगति के कारण, चिन-चिन रूप धरो,
श्रद्धा धरन किनी, तिनको काज सरो,
ओम जय लक्ष्मीरमण श्री जय लक्ष्मीरमण !!
!! ग्वाल बाल संग राजा, वन में भगति करी,
मनवंचित फल दीनो, दीनदयाल हरि,
ओम जय लक्ष्मीरमण श्री जय लक्ष्मीरमण !!
!! चढ़त परसाद सवाया, कदली फल मेवा,
धूप दीप तुलसी से, राजी सत्यदेवा,
ओम जय लक्ष्मीरमण श्री जय लक्ष्मीरमण !!
!! सत्यनारायण की आरती, जो कोई नर गावे,
कहत शिवानंद स्वामी, वंचित फल पावे,
ओम जय लक्ष्मीरमण श्री जय लक्ष्मीरमण !!
श्री सत्यनारायण आरती (हिंदी)
!! जय लक्ष्मीरमण, श्री जय लक्ष्मीरमण,
सत्यनारायण स्वामी, जनपताका हरणा,
ॐ जय लक्ष्मीरमण श्री जय लक्ष्मीरमण !!
!! रत्न जड़ित सिंहासन, अदभुत छवि राजे,
नारद करत निराजन, घंटा ध्वनि बाजे,
ॐ जय लक्ष्मीरमण श्री जय लक्ष्मीरमण !!
!! प्रगट भये कलि कारण, द्विज को दृष्ट दियो,
बूढ़ो ब्राह्मण गढ़ो, कंचन महल कियो,
ॐ जय लक्ष्मीरमण श्री जय लक्ष्मीरमण !!
!! दुर्बल भील कथारो, इन पर कृपा करी,
चंद्रचूड़ एक राजा, जिसके विपत्ति हरी,
ॐ जय लक्ष्मीरमण श्री जय लक्ष्मीरमण !!
!! वैश्य मनोरथ पायो, श्रद्धा तज दीनी,
सो फल भोग्यो प्रभुजी, फिर स्तुति कीनी,
ॐ जय लक्ष्मीरमण श्री जय लक्ष्मीरमण !!
!! भाव भक्ति के कारण छिन-छिन रूप धारयो,
श्रद्धा धारण कीनी, तिनको काज सरयो,
ॐ जय लक्ष्मीरमण श्री जय लक्ष्मीरमण !!
!! ग्वाल बाल संग राजा, वन में भक्ति करी,
मनवांछित फल दीन्हो, दीनदयाल हरि,
ॐ जय लक्ष्मीरमण श्री जय लक्ष्मीरमण !!
!! चढ़त प्रसाद स्वाया, कदली फल मेवा,
धूप दीप तुलसी से, राजी सत्यदेवा,
ॐ जय लक्ष्मीरमण श्री जय लक्ष्मीरमण !!
!! सत्यनारायण की आरती, जो कोई नर गावे,
कहत शिवानंद स्वामी, फौजी फल पावे,
ॐ जय लक्ष्मीरमण श्री जय लक्ष्मीरमण !!