वामन देव आरती

Vaman Dev Aarti

Vaman Dev Aarti

वामन देव आरती

वामन देव आरती (अंग्रेजी)

!! ओम जय वामन देवा, हरि जय वामन देवा !!

!! बली राजा के द्वारे, बली राजाके द्वारे संत करे सेवा,
वामन रूप अनुपम छत्र दंड शोभा, हरि छत्र दंड शोभा !!

!! तिलक भालकी मनोहर भगतन मन मोहा,
अगम निगम पूरन बतावे, मुख मंडल शोभा, हरि मुख मंडल शोभा !!

!! कर्णन कुंडल भूषण,कर्णन कुंडल भूषण,पर पड़े सेवा,
परम कृपाला जाके भूमि तीन पडा, हरि भूमि तीन पडा !!

!! तीन पांव है कोई,तीन पांव है कोई बली अभिमान खड़ा,
पृथम पाद राखे ब्रह्मा लोकमे दूजो धर धरा, हरि दूजो धर धरा !!

!! तृतीया पाड मस्तक पे, तृतीया पाड मस्तक पे, बलि अभिमान खड़ा,
रूप त्रिविक्रम हरे, जो सुख में दिया, हरि जो चित से दिया !!

!! सुख सम्पति नाना विध,सुख सम्पति नाना विध,हरि जिसे पावे,
ओम जय वामन देवा, ओम जय वामन देवा, हरि जय वामन देवा !!


आरती वामनदेवकी (हिंदी)

!! ॐ जय वामन देवा,हरि जय वामन देवा !!

!! बलि राजा कें द्वारे, बलि राजाके द्वारे सन्त करे सेवा
वामन रूप अनुपम छत्र दंड शोभा,हरि छत्र दंड शोभा !!

!! तिलक भालकी मनोहर भक्तन मन मोहा
आगम निगम पुराण बतावे, मुख मंडल शोभा,हरि मुख मंडल शोभा !!

!! करनन कुंडल भूषण,करनन कुंडल भूषण, पर पड़े सेवा
परम कृपाला जाके भूमि तीन पड़ा,हरि भूमि तीन पड़ा !!

!! तीन पाव है, कोई,तीन पाव है कोई बलि अभिमान खड़ा
प्रथम पाद रचित ब्रह्मा लोकमें दूजो धार धरा,हरि दूजो धार धरा !!

!! तृतीय पाद मस्तक पे,तृतीय पाद मस्तक पे,बलि अभिमान खड़ा
रूप त्रिविक्रम हरे,जो सुखमे गावे,हरि जो चित्त से गावे !!

!! सुख सम्पति नाना विध,सुख सम्पति नाना विध,हरि जीसे पावे
ॐ जय वामन देवा,ॐ जय वामन देवा हरि, जय वामन देवा !!

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