“2026 के लिए निशुल्क वृषभ वार्षिक राशिफल ”
इस वर्ष शनि मीन राशि के ग्यारहवें भाव में रहेगा। 25 नवंबर तक राहु कुंभ राशि के दसवें भाव में रहेगा तथा मकर राशि के नौवें भाव में गोचर करेगा। वर्ष के पूर्वार्ध में बृहस्पति मिथुन राशि के दूसरे भाव में रहेगा तथा 2 जून को कर्क राशि के चौथे भाव में गोचर करेगा। 31 अक्टूबर को बृहस्पति तीव्र गति से चलते हुए सिंह राशि के चौथे भाव में प्रवेश करेगा। इस वर्ष मंगल अपनी सामान्य गति से चलेगा। वर्ष की शुरुआत में 1 फरवरी तक शुक्र अस्त रहेगा तथा अक्टूबर में भी चौदह दिन अस्त रहेगा।
पेशा
वर्ष की शुरुआत कार्य और व्यवसाय के दृष्टिकोण से बहुत अच्छी रहेगी। आप अपनी कार्य क्षमता और कार्यकुशलता के बल पर व्यवसाय में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त करेंगे। इस सफलता में आपके भाइयों का पूरा योगदान रहेगा। आप अपने व्यवसाय में नवीनता लाने के लिए उच्च अधिकारियों और वरिष्ठ व्यक्तियों का सहयोग लेंगे, जिससे आपको वांछित लाभ प्राप्त होगा। नौकरीपेशा लोगों को कार्यस्थल पर सम्मान मिलेगा और अधिकारियों का समर्थन प्राप्त होगा।
2 जून के बाद, ग्यारहवें भाव में शनि पर बृहस्पति की दृष्टि के कारण, आपको अपने कार्यक्षेत्र से काफी लाभ मिलेगा। यदि आप साझेदारी में कोई व्यवसाय चला रहे हैं, तो भी आपको वांछित लाभ मिलेगा। भूमि से संबंधित गतिविधियों से जुड़े लोगों को 31 अक्टूबर के बाद उल्लेखनीय लाभ होगा। इस अवधि के दौरान आपको अपनी पसंद की जगह पर स्थानांतरित किया जा सकता है।
धन, संपत्ति
वर्ष का पहला भाग आर्थिक दृष्टि से बहुत शुभ रहेगा। आपकी आय में वृद्धि होगी। आप मनचाही बचत करके अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बना सकते हैं। दूसरे भाव में बृहस्पति के प्रभाव के कारण आपको रत्न और आभूषणों से सुख-सुविधाएं प्राप्त होंगी। आठवें भाव पर बृहस्पति और शनि के संयुक्त दृष्टि प्रभाव के कारण पैतृक संपत्ति या ससुराल वालों से धन प्राप्ति की प्रबल संभावना है।
2 जून के बाद एकादश भाव में शनि पर बृहस्पति की दृष्टि पड़ने से आपकी आय के स्रोतों में वृद्धि होगी। इस अवधि में आपको अचानक धन लाभ होगा। 31 अक्टूबर के बाद आपको भूमि, भवन, वाहन आदि से सुख-सुविधाएं प्राप्त होंगी।
घर, परिवार और समाज
वर्ष की शुरुआत पारिवारिक दृष्टिकोण से शुभ रहेगी। वर्ष की शुरुआत में द्वितीय भाव में स्थित बृहस्पति के प्रभाव से आपके परिवार में एक सदस्य का आगमन होगा। परिवार के सदस्यों में आपसी सहयोग और समर्पण की भावना विकसित होगी, इसलिए आपके परिवार में सौहार्दपूर्ण और अनुकूल वातावरण बना रहेगा। आपको अपने भाइयों का पूरा सहयोग मिलेगा। चतुर्थ भाव में स्थित केतु परिवार में अशांति का कारक बनेगा, लेकिन आप अपने ईमानदार प्रयासों से परिवार में शांति बहाल करने में सफल होंगे।
02 जून के बाद आपकी सामाजिक स्थिति में वृद्धि के संकेत हैं। आप सामाजिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे और समाज सुधार के लिए किसी संस्था का संचालन करेंगे। आप अपने सामाजिक क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में जाने जाएंगे।
बच्चे
वर्ष की शुरुआत संतान के लिए अनुकूल है, क्योंकि दूसरे भाव में स्थित बृहस्पति के प्रभाव से आपके बच्चे उन्नति के मार्ग प्रशस्त करेंगे। उनमें पढ़ाई के प्रति अधिक रुचि पैदा होगी। आपके बच्चे अपनी मेहनत और लगन के बल पर सफलता के शिखर पर पहुंचेंगे। संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वालों के लिए यह समय गर्भधारण के लिए शुभ है।
02 जून से आपके दूसरे बच्चे के लिए समय अनुकूल रहने वाला है। यदि आपका दूसरा बच्चा विवाह योग्य आयु का है, तो उसकी शादी के लिए तैयार हो जाइए। इस अवधि में आप अपने बच्चों के साथ भावनात्मक लगाव बढ़ाएंगे।
स्वास्थ्य
साल का पहला भाग स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बहुत अच्छा रहेगा। आपकी शारीरिक ऊर्जा और कार्यकुशलता में वृद्धि होगी। आप पूरी तरह स्वस्थ रहेंगे। आप संतुलित आहार लेंगे और होमोस्टैसिस बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम करेंगे। शुभ बृहस्पति आपके लिए अनुकूल है और इसलिए आप केवल शाकाहारी भोजन का सेवन करेंगे। आप पवित्र विचार विकसित करेंगे और मानसिक रूप से संतुलित रहेंगे।
बृहस्पति के गोचर के बाद आपको छोटी-मोटी बीमारियाँ हो सकती हैं। चूँकि शनि की दृष्टि लग्न पर है, इसलिए आप थोड़े सुस्त हो सकते हैं। उस समय आपको अपनी दिनचर्या का सख्ती से पालन करना चाहिए। आपको अपने खान-पान के साथ-साथ दिन भर के कामों पर भी ध्यान देना चाहिए। सुबह व्यायाम करें और योग का अभ्यास करें। समय का सदुपयोग करके अपनी जीवनशैली को बेहतर बनाने का प्रयास करें।
कैरियर और प्रतियोगिता
वर्ष की शुरुआत में प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलेगी। बृहस्पति के छठे भाव पर दृष्टि प्रभाव के कारण आप प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होंगे। अनुभवी व्यक्तियों के साथ मिलकर आप अपनी कार्यशैली में सुधार लाएंगे। सरकारी अधिकारी और वरिष्ठ लोग आपका सहयोग करेंगे, जो आपके कार्यक्षेत्र में लाभ का कारण बन सकता है।
02 जून के बाद समय तकनीकी शिक्षा या प्रोफेशन के लिए अनुकूल होता जा रहा है। शनि का गोचर अनुकूल है, इसलिए बेरोजगार लोगों को नौकरी मिलने की प्रबल संभावना है।
यात्रा एवं स्थानांतरण
यात्राओं के मामले में यह वर्ष औसत दर्जे का रहेगा। वर्ष के पहले भाग में किसी विशेष यात्रा का कोई संकेत नहीं है। लेकिन 2 जून के बाद तीसरे भाव में बृहस्पति के गोचरीय प्रभाव के कारण आप लंबी यात्राओं के साथ-साथ छोटी और महत्वहीन यात्राएँ भी करेंगे। यह समय तीर्थ यात्रा के लिए अनुकूल है।
31 अक्टूबर के बाद आप परिवार के सदस्यों के साथ अपने जन्म स्थान का भ्रमण करेंगे अथवा पर्यटन स्थलों एवं धार्मिक (दार्शनिक) स्थानों की यात्रा का आनंद लेंगे।
धार्मिक कार्य और ग्रहों की शांति
वर्ष की शुरुआत में धार्मिक कार्यों के लिए सकारात्मक माहौल रहेगा। ईश्वर के प्रति अटूट आस्था और विश्वास आपके मन में हमेशा के लिए घर कर जाएगा। 2 जून के बाद बृहस्पति की नवम भाव पर दृष्टि के कारण आप कोई विशेष पूजा-पाठ, हवन, किसी खास उद्देश्य से धार्मिक अनुष्ठान आदि संपन्न करेंगे। धार्मिक कार्य, दान-पुण्य और तीर्थ यात्रा करके आप पुण्य कमाएंगे। ऐसा करने से आपको मानसिक शांति और आत्मिक संतुष्टि का अनुभव होगा। 31 अक्टूबर के बाद आप परिवार में सुख-शांति और समृद्धि के लिए कोई हवन या कोई धार्मिक कार्य संपन्न करेंगे।
- अपने घर में स्फटिक यंत्र स्थापित करें और प्रतिदिन उसके समक्ष दीपक जलाएं।
- बुधवार को गणेश जी को दुर्गा पत्र चढ़ाएं और “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें।
- प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
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