गायत्री माता आरती
गायत्री आरती (अंग्रेजी)
!! जय गायत्री माता जयति, जय गायत्री माता,
सत मरग पर हमे चलाओ जो है सुखदता,
आदि शक्ति, तुम अलख निरंजन, जग पालन कतरी,
दुःख शोक भय क्लेश कालः दारिद्र्य दीने हत्री !!
!! ब्रह्म रूपिणी प्रणत पालिनी जगत् धातां अम्बे,
भय भय हारी जन हितकारी सुखदा जगदम्बे,
भय हरिणी भाव तारिणी अंगे अज आनन्द राशि,
अविकारी अघारि अविचलित अमले अविनाशी !!
!! कामधेनु सत चित् आनंद जय गंगा गीता,
सविता की शाश्वती शक्ति तुम सावित्री सीता,
ऋग् यजु साम अथर्व प्रणयिनी प्रणव महा महीमे,
कुण्डलिनी सहस्त्रार सुषुम्ना शोभा गुण गरिमा !!
!! स्वाहा स्वधा शचे ब्रह्माणी राधा रुद्राणी,
जय सत रोपा वाणी विद्या कमला कल्याणी,
जननी हम हैं दीन हीं दुख दारिद के घेरे,
जड़पि कुटिल कपटी कपूत तौ बालक हैं तेरे !!
!! स्नेह सानी करुणा में माता चरण शरण लेजै,
बेलिख रहे हम शिशु सुत तेरे दया दृष्टि कीजै,
काम क्रोध मद्द लोभ दम्भ दृढ़ द्वेष हारिये !!
!! शुद्धि बुद्धि निष्पाप हृदये मन को पवित्र करो,
तुम समर्थ सब भांति तारिणी तुष्टि पुष्टि त्राता,
सत मरग पर हमे चलाओ जो है सुखदता !!
गायत्री आरती (हिंदी)
!! जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता !!
हमें सत मार्ग पर चलाओ, जो है सुखदाता
आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जग पालन कर्त्री
दुःख, शोक, भय, क्लेश, कलह दारिद्रय दान्य हरत्री !!
!! बृहृ रूपिणी, प्रणत पालिनी, जगतधात्री अम्बे !!
भवभयहारी, जनहितकारी, सुखदा जगदम्बे॥
भयहारिणि भवतारिणि अनघे, अज आनन्द राशि
अविकारी, अघारी, अविचलित, अमले, अविनाशी !!
!! कामधेनु सत् चित् आनन्दा, जय गंगा गीता !!
सविता की शाश्वती शक्ति, तुम सावित्री सीता
ऋग्, यजु, साम, अर्थव, प्रणयिनी, प्रणव महामहिमे
कुण्डलिनी सहस्त्रार, सुषुम्ना, सोहा गुण गरिमे !!
!! स्वाहा, स्वधा, शची, बृहणी, राधा, रुद्राणी !!
जय सतरूपा, वाणी, विघा, कमला, कल्याणी
जननी हम है, दीन, हीन, दुःख, दारिद के झुकाव !!
यदपि कुटिल, कपटी कपूत, तो बालक है तेरे !!
!! स्नेहसनी करुणामयी माता, चरण शरण दीजै
बिलख रहे हम शिशु सुत तेरे, दया दृष्टि कीजै
काम, क्रोध, मद, लोभ, दंभ, दुर्भाव, द्घेष हरिये
शुद्ध बुद्धि, निष्पाप हृदय, मन को पवित्र करो !!
!! तुम समर्थ सब भाँति तारिणी, तुष्टि, पुष्टि त्राता
सत् मार्ग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता !!