“2023 के लिए निशुल्क कर्क वार्षिक राशिफल ”
इस वर्ष 22 अप्रैल को बृहस्पति मेष राशि के दसवें भाव में, 17 जनवरी को शनि कुंभ राशि के आठवें भाव में तथा 22 नवंबर को राहु मीन राशि के नौवें भाव में प्रवेश करेगा। 13 जनवरी को वक्री मंगल मार्गी हो जाएगा तथा वर्ष भर अपनी सामान्य गति से गोचर करेगा। 04 अगस्त से 18 अगस्त तक शुक्र अस्त रहेगा।
पेशा
इसका कार्य और व्यवसाय के दृष्टिकोण पर मिलाजुला प्रभाव पड़ेगा। आपको सफलता पाने के लिए अपने व्यवसाय में निरंतर प्रयास करने होंगे। आठवें भाव में शनि के होने से आपके कुछ प्रतिस्पर्धी आपके कामों में बाधाएँ और रुकावटें पैदा कर सकते हैं, लेकिन इसका आपके सामान्य कार्य-कलापों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
22 अप्रैल के बाद वरिष्ठ व्यक्तियों या उच्च अधिकारियों से सहयोग मिलेगा। नौकरी में पदोन्नति के योग हैं। भूमि संबंधी कार्यों से लाभ होगा। स्वतंत्र व्यवसाय से अच्छा लाभ मिलने की उम्मीद है।
धन, संपत्ति
आर्थिक दृष्टि से यह वर्ष मध्यम फलदायी रहेगा। धन का आगमन तो होगा, लेकिन व्यय अधिक होने के कारण बचत सुनिश्चित नहीं होगी। धन के फिजूलखर्ची से बचें।
22 अप्रैल के बाद बृहस्पति की द्वितीय और चतुर्थ भाव पर दृष्टि होने के कारण भूमि, भवन, वाहन के साथ-साथ रत्न और आभूषण खरीदने की योजना बनेगी। परिवार में मांगलिक कार्यों पर धन व्यय होगा। यदि आप कोई बड़ा निवेश करने के इच्छुक हैं तो उसे कुछ समय के लिए टाल दें। यदि संपत्ति को लेकर कोई विवाद चल रहा है तो इस संबंध में निर्णय आपके पक्ष में नहीं है।
घर, परिवार और समाज
यह वर्ष पारिवारिक दृष्टिकोण से मध्यम रूप से अनुकूल रहेगा। वर्ष की शुरुआत में चतुर्थ भाव पर राहु और केतु के प्रभाव के कारण परिवार के किसी सदस्य के साथ मतभेद हो सकता है, लेकिन आप अपनी बुद्धि, समझदारी और आत्मविश्वास का प्रयोग करके इसे सुलझा लेंगे। तृतीय भाव पर बृहस्पति के दृष्टि प्रभाव के कारण आपको उच्च सामाजिक पद और प्रतिष्ठा प्राप्त होगी।
22 अप्रैल के बाद समय परिवार के लिए अनुकूल होने लगेगा। आपको बड़े सदस्यों का सहयोग मिलेगा, जिससे आपको मानसिक संतुष्टि और प्रसन्नता मिलेगी। परिवार के प्रति आपका आकर्षण बढ़ेगा और पिता के स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहें। ससुराल पक्ष से मनमुटाव के संकेत हैं, इसलिए इस समय बहुत सावधान रहें।
बच्चे
वर्ष की शुरुआत संतान के दृष्टिकोण से बहुत शुभ रहेगी। शनि और बृहस्पति का संयुक्त दृष्टि प्रभाव पंचम भाव पर है, इसलिए नवविवाहितों को संतान प्राप्ति की संभावना है। आपके बच्चे प्रगति करेंगे और हर उपलब्ध अवसर का भरपूर लाभ उठाएंगे। आपके बच्चे उच्च शिक्षा के लिए किसी प्रतिष्ठित संस्थान में प्रवेश लेंगे।
आपके बच्चे अपनी नौकरी में सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ेंगे। यदि आपका बच्चा विवाह योग्य हो गया है, तो उसका विवाह अवश्य होगा। दूसरे बच्चे के लिए भी समय अनुकूल है।
स्वास्थ्य
अष्टम भाव में शनि अचानक से स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। इसलिए स्वास्थ्य से जुड़ी गतिविधियों पर नज़र रखना समय की मांग है। खाने-पीने की चीज़ों का सेवन करते समय सावधानी बरतें। साल की शुरुआत में बृहस्पति की पंचम दृष्टि नवम भाव से लग्न पर है, इसलिए स्वास्थ्य में बहुत ज़्यादा गिरावट की संभावना नहीं है। लेकिन छोटी-मोटी समस्याओं, चिंताओं और बेचैनी के कारण आपकी कार्यकुशलता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
कई बार आपको अच्छा स्वास्थ्य होने के बावजूद भी कमजोरी जैसा अनुभव होता है। ऐसी स्थिति में शारीरिक कमजोरी और मानसिक तनाव को कम करने के लिए योग और शारीरिक व्यायाम करें। प्रतिदिन मंत्र का जाप करें। मानसिक तनाव से मुक्ति पाने के लिए सुबह-सुबह सूर्य को जल चढ़ाएं और ताजी हवा में प्राणायाम करें।
कैरियर और प्रतियोगिता
वर्ष की शुरुआत विद्यार्थियों के लिए बहुत शुभ रहेगी। पंचम भाव पर शनि और बृहस्पति का संयुक्त दृष्टि प्रभाव विद्यार्थियों के लिए बहुत ही शुभ संकेत है। शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति होगी। उच्च शिक्षा के लिए किसी उच्चस्तरीय संस्थान में प्रवेश मिल सकता है।
22 अप्रैल के बाद बृहस्पति की छठे भाव पर दृष्टि के कारण प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे जातकों को सफलता मिलेगी। इस वर्ष आपको रोजगार मिलने के संकेत हैं।
यात्रा एवं स्थानांतरण
वर्ष की शुरुआत में बृहस्पति की दृष्टि तीसरे भाव पर होने के कारण आप छोटी यात्राएं करेंगे। बृहस्पति के नवम भाव में होने के कारण लंबी यात्राओं के योग हैं। इन यात्राओं के कारण भाग्य में वृद्धि होगी। यात्रा करते समय आप किसी से मित्रता करेंगे। नौकरी में तबादला होगा। यात्रा करते समय या वाहन चलाते समय बहुत सावधान रहें। यात्रा के दौरान आपका पैसा चोरी हो सकता है या वाहन दुर्घटना हो सकती है।
धार्मिक कार्य और ग्रहों की शांति
वर्ष की शुरुआत में आप नवम भाव में बृहस्पति के प्रभाव के कारण किसी विशेष उद्देश्य से कोई पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान, हवन आदि करेंगे। इससे आपके अंदर ईश्वर के प्रति समर्पण की भावना जागृत होगी।
- 11 नवम्बर के बाद आपका झुकाव तंत्र, यंत्र, मंत्र आदि अर्थात गुप्त विद्याओं की ओर अधिक रहेगा।
- प्रत्येक मंगलवार को हनुमान जी को लम्बा चौला चढ़ाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- दान में काली वस्तुएं/वस्तुएं तथा गरीब लोगों को एक “तवा” (लोहे की एक गोल प्लेट जिस पर रोटी पकाई जाती है) दान करें।
- अपने घर में लड्डू गोपाल की मूर्ति रखें और प्रतिदिन विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें।
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