हिंदू कैलेंडर के अनुसार जया एकादशी 'माघ' महीने में शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को आती है। इस दिन को भारत के विभिन्न राज्यों के भक्त अनुष्ठानों और परंपराओं के अनुसार मनाते हैं। उत्तर भारत के लोग इस दिन को जया एकादशी के रूप में मनाते हैं और दक्षिण भारतीय लोग इस दिन को भीष्म एकादशी के रूप में मनाते हैं। भगवान विष्णु के भक्त मंदिर जाते हैं और भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं और उपवास रखते हैं। जया एकादशी के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा भी की जाती है। इस शुभ दिन पर व्रत रखना अत्यधिक लाभकारी होता है क्योंकि इससे भगवान शिव और भगवान विष्णु दोनों शक्तिशाली देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
जया एकादशी क्यों अत्यंत शुभ और लाभकारी है?
धार्मिक ग्रंथों और पदमपुराण के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति जया एकादशी के दिन व्रत रखता है और भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करता है, तो उसे देवताओं का अपार आशीर्वाद प्राप्त होता है। भक्त अपने सभी पिछले और वर्तमान पापों से मुक्त हो जाता है, उसकी सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
यह वह दिन है जो आपको न केवल पापों से, बल्कि राक्षसी प्रभावों से भी मुक्ति दिलाने में मदद करेगा। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति जया एकादशी के शुभ दिन व्रत और पूजा अनुष्ठान करता है, वह 'वैकुंठ' में निवास करता है और सैकड़ों वर्षों तक कभी न खत्म होने वाले आनंद और खुशी का आनंद लेता है।
जया एकादशी का शुभ दिन कैसे मनाएं?
मनुष्य का मूल और सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य मोक्ष प्राप्त करना है। जया एकादशी का दिन मोक्ष प्राप्ति की इच्छा को पूरा करने के लिए शक्तिशाली है। इस दिन भक्त अपनी क्षमता और विश्वास के अनुसार पूरे दिन या आंशिक उपवास रखते हैं। व्रत की तैयारी जया एकादशी से एक दिन पहले एक बार भोजन से शुरू होती है। इस दिन भक्त सुबह जल्दी उठते हैं और पवित्र स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा और प्रार्थना करते हैं।
इसके अलावा दो दिन व्रत रखने का भी सुझाव दिया गया है। जो लोग परिवार के साथ इस दिन व्रत रखते हैं, वे पहले दिन व्रत रखते हैं। दूसरे दिन विधवा और अविवाहित भक्त व्रत रखते हैं। जया एकादशी का व्रत डर-डर कर तोड़ा जाता है। भक्त अगले दिन स्नान करके भगवान के सामने दीपक जलाते हैं।
जया एकादशी पूजन में मुख्य सामग्री क्या-क्या होती है?
पूजन के लिए निम्नलिखित वस्तुएं आवश्यक हैं।
- आम के पत्ते
- अगरबत्ती, धूप
- इत्र
- कुमकुम और आकाश
- दही
- दीपक
- चंदन
- दूध
- घी
- गंगा जल
- हल्दी/ हल्दी पाउडर
- कलश
- सूखे मेवे
- मिठाइयाँ
- मौसमी फल
- कमल का फूल
- कपूर
- नारियल
- फूल माला
- साफ लाल कपड़ा
- साफ सफेद कपड़ा
- प्रसाद
- शनाक़
जया एकादशी पर जपने के लिए महत्वपूर्ण मंत्र क्या हैं?
जया एकादशी के शुभ दिन पर जपने के लिए ये मूल और शक्तिशाली मंत्र हैं।
शान्त आकारं भुजग शयनं पद्म नाभं सुरा ईशम्।
विश्व-आधारं गगन-सदृशं मेघ-वर्णा शुभ-अंगगम||
लक्ष्मी-कान्तं कमला-नयनं योगिभिर्-ध्यान-गम्यम्|
वन्दे विष्णुं भव-भय-हरं सर्व-लोक-एक-नाथम्||
“ओम नमो नारायणाय|
ओम नमो भगवते वासुदेवाय ||