हनुमान यंत्र
यंत्र की परिभाषा एक ताबीज या तांबे से बना एक यंत्र हो सकती है। यंत्र की पूजा करना इच्छाओं की पूर्ति और जीवन की परेशानियों को दूर करने का एक तरीका माना जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि यंत्रों में देवता निवास करते हैं और निष्ठापूर्वक पूजा करके व्यक्ति उन्हें आसानी से प्रसन्न कर सकता है। यंत्र भगवान हनुमान का प्रतीक है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान हनुमान अनुयायियों को मानसिक दबाव और चिंताओं से दूर रखते हैं। यह साधक को उसके आलस्य, बीमारियों और नकारात्मक रवैये पर काबू पाने में मदद करता है। यह यंत्र शक्तिशाली और दिव्य ऊर्जा का स्रोत है। यह उन लोगों के लिए एक प्रभावी यंत्र है जिनकी कुंडली में शनि का बुरा प्रभाव है।
यह बहुत शक्तिशाली है और इसका उपयोग व्यापारिक उद्यमों में सफलता प्राप्त करने के लिए भी किया जाता है। जो लोग इस यंत्र की पूजा करते हैं, उन्हें शक्ति, अधिकार प्राप्त होता है और वे अपने शत्रुओं पर भी विजय प्राप्त करते हैं। हनुमान यंत्र का ध्यान करने से साधक को किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति और साहस प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
हनुमान यंत्र की ज्यामिति
हनुमान यंत्र आमतौर पर सोने, चांदी या तांबे से बनी प्लेटों पर बनाए जाते हैं। पहले के समय में लोग ताड़ के पत्तों पर हनुमान यंत्र उकेरते थे। इसकी पूजा सप्ताह के दो दिन की जाती है, लेकिन इसके अलावा इस पर रोजाना प्रार्थना करना भी जरूरी है। यंत्र उल्टे त्रिकोण और कमल के पैटर्न से सुसज्जित है, जो सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने वाला माना जाता है। यह भी माना जाता है कि तांबे से बने यंत्र अधिक चेतना प्रदान करते हैं। यह याद रखना चाहिए कि यंत्र पर प्रार्थना करने वाले व्यक्ति का मुख पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए। हनुमान यंत्र की ईमानदारी और आस्था से प्रार्थना करने वाले लोग अपनी परेशानियों से मुक्त होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा और चेतना के उच्च स्तर को प्राप्त करते हैं।
हनुमान यंत्र की पूजा प्रक्रिया
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यंत्र की पूजा करने वाले व्यक्ति को बिना किसी व्यवधान के शांत स्थान पर बैठना चाहिए। एक और बात जो ध्यान देने योग्य है वह यह है कि यंत्र को उस व्यक्ति के अलावा किसी और को नहीं छूना चाहिए जो उस पर प्रार्थना कर रहा है। इसे गुलाब जल या दूध से धोना भी आवश्यक है। हनुमान यंत्र को धोने के बाद उस पर गुलाब जल भी लगाया जा सकता है। यंत्र के रंग में थोड़ा बदलाव हो सकता है लेकिन यह लंबे समय तक नहीं रहेगा और निश्चित रूप से यह यंत्र की ऊर्जा को प्रभावित नहीं करेगा।
हनुमान यंत्र की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री इस प्रकार है:
- दूध
- पानी
- सूखे कपड़े
- फल
- पुष्प
- मंत्र पुस्तक
- अगरबत्तियां
- दीपक या दीया
- सोने या चांदी की प्लेट
- चटाई
- सुपारी
- पत्ता
- सिंदूर
- गुड़
- हनुमान यंत्र
हनुमान यंत्र से सम्बंधित मंत्र इस प्रकार है:
“ॐ रींग ह्रीं मार्केण्डाय मार्केण्डाय हनुमानपाय नमः”
इस मंत्र का जाप हनुमान यंत्र के सामने 108 बार करना चाहिए। ध्यान देने वाली बात यह है कि हनुमान यंत्र की पूजा मुख्य रूप से गुरुवार और शनिवार को की जाती है।